हमसफ़र - Humsafar (Akhil Sachdeva, Badrinath Ki Dulhania)

Movie/Album: बद्रीनाथ की दुल्हनिया (2017)
Music By: अखिल सचदेवा
Lyrics By: अखिल सचदेवा
Performed By: अखिल सचदेवा

तु जो नज़रों के सामने कल होगा नहीं
सुन ज़ालिमा मेरे, सानु कोई डर ना
की समझेगा ज़माना
तू वि सी कमळी
मैं वि सा कमळा
इश्क दा रोग सयाना
इश्क दा रोग सयाना

सुन मेरे हमसफ़र
क्या तुझे इतनी सी भी खबर
कि तेरी साँसे चलती जिधर
रहूँगा बस वहीँ उम्र भर
रहूँगा बस वहीँ उम्र भर हाय

जितनी हसीं ये मुलाकातें हैं
उनसे भी प्यारी तेरी बातें हैं
बातों में तेरी जो खो जाते हैं
आऊँ ना होश में मैं कभी
बाहों में है तेरी ज़िन्दगी हाय
सुन मेरे हमसफ़र...

ज़ालिमा तेरे इश्क च मैं
हो गयीआं कमळी हाय
मैं तो यूँ खड़ा किस सोच में पड़ा था
कैसे जी रहा था मैं दीवाना
चुपके से आके तूने, दिल में समां के तूने
छेड़ दिया कैसा ये फ़साना
ओ मुस्कुराना भी तुझी से सिखा है
दिल लगाने का तू ही तरीका है
ऐतबार भी तुझी से होता है
आऊँ ना होश में...
है नहीं था पता, के तुझे मान लूँगा खुदा
कि तेरी गलियों में इस कदर, आऊँगा हर पहर
सुन मेरे हमसफ़र...

3 comments :

  1. This song is very beautiful of Akhil Sachdeva and movie is very nice. But i like this more
    http://www.alldesilyrics.com/roke-na-ruke-naina-lyrics-arijit-singh-badrinath-ki-dulhania/

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