Movie/Album: रंगीला (1996)
Music By: ए.आर.रहमान
Lyrics By: महबूब
Performed By: कविता कृष्णमूर्ति, सुरेश वाडकर
प्यार ये जाने कैसा है
क्या कहें ये कुछ ऐसा है
कभी दर्द ये देता है, कभी चैन ये देता है
कभी ग़म देता है, कभी ख़ुशी देता है
दिन तो गुज़रता है जिसके ख़यालों में
रातें गुज़रती हैं उसकी ही यादों में
वक़्त मिलन का आये तो बागों में
झूमें बहारें फूलों की गलियों में
भँवरों की टोली आये
कलियों पे वो मंडलाए
डर ये ख़िज़ां का भी दिल से मिटाये
प्यार ये जाने कैसा है...
आँखों पे छाये ये सपना बन के तो
कोई पराया आये अपना बन के
चलते-चलते राहों की धूप में
साथी मिल जाये कोई साया बन के
मंज़िल आये न आये
या कोई तूफ़ाँ आये
दिलवालों को ये जीना सिखाये
प्यार ये जाने कैसा है...
Music By: ए.आर.रहमान
Lyrics By: महबूब
Performed By: कविता कृष्णमूर्ति, सुरेश वाडकर
प्यार ये जाने कैसा है
क्या कहें ये कुछ ऐसा है
कभी दर्द ये देता है, कभी चैन ये देता है
कभी ग़म देता है, कभी ख़ुशी देता है
दिन तो गुज़रता है जिसके ख़यालों में
रातें गुज़रती हैं उसकी ही यादों में
वक़्त मिलन का आये तो बागों में
झूमें बहारें फूलों की गलियों में
भँवरों की टोली आये
कलियों पे वो मंडलाए
डर ये ख़िज़ां का भी दिल से मिटाये
प्यार ये जाने कैसा है...
आँखों पे छाये ये सपना बन के तो
कोई पराया आये अपना बन के
चलते-चलते राहों की धूप में
साथी मिल जाये कोई साया बन के
मंज़िल आये न आये
या कोई तूफ़ाँ आये
दिलवालों को ये जीना सिखाये
प्यार ये जाने कैसा है...
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