झीनी रे झीनी - Jheeni Re Jheeni (Issaq, Rashid Khan, Pratibha Bhagel)

Movie/Album: इसक (2013)
Music By: सचिन-जिगर
Lyrics By: नीलेश मिश्रा
Performed By: राशिद खान, प्रतिभा भगेल

अँखियाँ किनारों से जो
बोली थी इसारों से जो
कह दीजो फिर से तू जदा
फूल से छुआ था तोहे
तब क्या हुआ था मोहे
सुन लीजो फ़िर से तो ज़रा
झीनी रे झीनी, यदि चुनरिया
लो फ़िर से तेरा नाम लिया

सारे ज़ख़्म अब मीठे लागें
कोई मलम भला अब क्या लागे
दर्द ही सोहे, मोहे जो भी होवे
टूटे ना टूटे ना, टूटे ना टूटे ना

सूझे नहीं, बूझे कैसे, जियरा पहेली
मिलना लिखा न लिखा, पढ़ ले हथेली

पढ़ ली हथेली पिया, दर्द सहेली पिया
गम का है गम अब ना हमें
रंग ये लगा को ऐसो, रंगरेज को भी जैसो
रंग देवे अपने रंग में
झीनी रे झीनी...

सुन रे मना, हूँ तेरे जैसी
काहे सताये आधी रात
नदिया बैरी भयी

ज़हर चखा है, आग है पीली
चंगनी कर गयी पीड़ नुकीली
पर यादों की झालर चमकीली
टूटे ना टूटे ना...

धूप में झुलस गए, दूरियों से हारे
पार क्या मिलेंगे कभी, छाँव के किनारे

छाँव के किनारे कभी, कहीं मझधारे कभी
हम तो मिलेंगे देखना
तेरे सरहाने कभी, नींद के बहाने कभी
आएँगे हम ऐसे देखना
झीनी रे झीनी...

No comments :

Post a Comment

यह वेबसाइट/गाना पसंद है? तो कुछ लिखें...