रहें न रहें हम - Rahein Na Rahein Hum (Lata Mangeshkar, Mamta)

Movie/Album: ममता (1966)
Music By: रोशन
Lyrics By: मजरूह सुल्तानपुरी
Performed By: हेमंत कुमार, लता मंगेशकर

रहें न रहें हम
महका करेंगे
बन के कली
बन के सबा
बाग-ए-वफा में
रहें न रहें हम...

मौसम कोई हो, इस चमन में, रंग बन के रहेंगे हम खिरामा
चाहत की खुशबू, यूँ ही जुल्फों से उड़ेगी, खिज़ा हो या बहारें
यूँ ही झूमते और खिलते रहेंगे
बन के कली...

खोये हम ऐसे, क्या है मिलना, क्या बिछडना नहीं है याद हमको
कूचे में दिल के, जब से आये, सिर्फ दिल की ज़मीं है याद हमको
इसी सरज़मीं पे हम तो रहेंगे
बन के कली...

जब हम ना होंगे, जब हमारी खाक पे तुम रुकोगे, चलते-चलते
अश्कों से भीगी, चांदनी में, इक सदा सी सुनोगे, चलते-चलते
वहीं पे कहीं हम तुमसे मिलेंगे
बन के कली...

5 comments :

  1. Replies
    1. Curious to know. Why this word is used, its totally out of rhyme. If u look at the other two couplets.

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    2. ख़िरामां - slowly
      ख़िज़ां हो या बहारां ( बहारें ग़लत है)

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  2. ख़िरामां means slowly
    Next rhyming word is बहखरां

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