तुम अगर साथ देने - Tum Agar Saath Dene Ka (Mahendra Kapoor, Hamraaz)

Movie/Album: हमराज़ (1967)
Music By: रवि
Lyrics By: साहिर लुधियानवी
Performed By: महेंद्र कपूर

तुम अगर साथ देने का वादा करो
मैं यूँ ही मस्त नगमे लुटाता रहूँ
तुम मुझे देख कर मुस्कुराती रहो
मैं तुम्हें देख कर गीत गाता रहूँ

कितने जलवे फिज़ाओं में बिखरे मगर
मैंने अब तक किसी को उतारा नहीं
तुमको देखा तो नज़रें ये कहने लगी
हमको चेहरे से हटना गंवारा नहीं
तुम अगर मेरी नज़रों के आगे रहो
मैं हर एक शय से नज़रें चुराता रहूँ
तुम अगर साथ देने का...

मैंने ख़्वाबों में बरसों तराशा जिसे
तुम वही संगमरमर की तस्वीर हो
तुम न समझो तुम्हारा मुकद्दर हूँ मैं
मैं समझता हूँ तुम मेरी तकदीर हो
तुम अगर मुझको अपना समझने लगो
मैं बहारों की महफ़िल सजाता रहूँ
तुम अगर साथ देने का...

मैं अकेला बहुत देर चलता रहा
अब सफ़र ज़िन्दगानी का कटता नहीं
जब तलक कोई रंगीं सहारा न हो
वक़्त काफिर जवानी का कटता नहीं
तुम अगर हमकदम बनके चलती रहो
मैं ज़मीन पर सितारे बिछाता रहूँ
तुम अगर साथ देने का...

1 comment :

  1. zindagi ke har manzar mein
    humne tujhe dekhna chaaha
    har mord mein tera hi bus
    humne sath paana chaaha
    tum agar wafa ka jo badal kardo
    main chayun me waqt guzarta rahoon

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